महत्वपूर्ण संसदीय शब्दावली | प्रश्नकाल, शून्य काल, सत्रावसान इत्यादि

भारतीय संविधान में कुछ ऐसे शब्द हैं जिन को समझना अत्यावश्यक है। इस आर्टिकल में हम महत्वपूर्ण संवैधानिक शब्दावली (important parliamentary terms in hindi) को सरल भाषा में समझाने की कोशिश करेंगे।

सभी को इन संसदीय शब्दावलियों जैसे प्रश्नकाल, शून्य काल, स्थगन, सत्रावसान, विघटन, अध्यादेश के बारे में जानना चाहिए।

Contents

शून्य काल क्या है?

संसद में प्रश्नकाल के बाद का समय निकाल कहलाता है। दोपहर 12:00 बजे के बाद के लगभग 1 घंटे के समय को 0 कालिया जीरो आवर कहते हैं। इस शून्यकाल में संसद सदस्य देश विदेश से जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछते हैं।

प्रश्नकाल क्या है?

भारतीय संसद में प्रश्नकाल 11:00 बजे से आरंभ होता है। प्रश्नकाल का समय लगभग 1 घंटे का होता है। प्रश्नकाल तथा शून्यकाल दोनों में ही संसद सदस्य सवाल पूछते हैं।

तारांकित प्रश्न

इसका उत्तर मौखिक रूप से सदन में ही दिया जाता है।

अतारांकित प्रश्न

इसका उत्तर लिखित रूप से दिया जाता है।

श्वेत पत्र क्या होता है?

श्वेत पत्र राष्ट्रीय महत्व के मामलों में सरकार द्वारा प्रकाशित एक दस्तावेज है।

अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है?

मंत्त्रिपरिषद के किसी सदस्य द्वारा संसदीय विशेषताओं का उल्लंघन करने पर उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाता है

लेखानुदान

जब सामान्य आय-व्यय प्रस्ताव से पहले ही सरकार को पैसों की जरूरत होती है तो लोकसभा लेखानुदान के द्वारा ही सरकार के लिए अग्रिम धनराशि उपलब्ध कराती है।

अनुपूरक अनुदान (Supplementary Grant)

सरकार के पास जब खर्च करने के लिए पहले से प्रदान की गई धनराशि अपर्याप्त हो जाए तो राष्ट्रपति संसद में अनुपूरक अनुदान संबंधी प्रस्ताव पेश कराता है। इस प्रस्ताव के साथ वित्त विधेयक जैसी कार्य प्रणाली अपनाई जाती है।

सत्रावसान क्या होता है?

सत्रावसान का कार्य राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है। सत्रावसान का अर्थ संसद के सत्र को समाप्त करना होता है।

स्थगन क्या है?

संसद के किसी भी एक सत्र में अनेक बैठक के होते हैं। यदि इन बैठकों में से कोई एक विशेष बैठक को समाप्त कर दिया जाए तब इसे संसद का स्थगन कहते हैं। स्थगन का अधिकार सदन के पीठासीन अधिकारी अर्थात अध्यक्ष या सभापति का होता है।

सत्रावसान और स्थगन में क्या अंतर है?

संसद के एक सत्र का समापन सत्रावसान कहलाता है। जबकि एक सत्र की किसी विशेष बैठक का समापन स्थगन कहलाता है।

संसद का विघटन क्या होता है?

वास्तव में विघटन संसद का नहीं बल्कि उसके निम्न सदन लोकसभा मात्र का ही हो सकता है। लोकसभा के विघटन के पश्चात दोबारा चुनाव होते हैं तथा नई लोकसभा का गठन किया जाता है। लोकसभा का विघटन करने की शक्ति राष्ट्रपति को अनुच्छेद 85 के अंतर्गत प्राप्त होती है।

संसद के दोनों सदनों का संयुक्त अधिवेशन

संविधान के अनुच्छेद 108 में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का प्रावधान किया गया है इसी बैठक को सदनों का संयुक्त अधिवेशन कहा जाता है।

सदनों के संयुक्त अधिवेशन को बुलाने का अधिकार राष्ट्रपति को है।

विधेयक क्या होता है?

विधेयक एक ऐसा प्रस्ताव होता है जो सदन के समक्ष रखा जाता है। और दोनों सदनों द्वारा पारित होने के पश्चात राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए उनके पास जाता है।

विनियोग विधेयक क्या होता है?

विनियोग विधेयक एक ऐसा विधेयक होता है जिसके तहत लोकसभा के द्वारा भारत की संचित निधि (consolidated fund) से धन को निकाला जाता है।

वित्त विधेयक क्या होता है?

प्रत्येक वर्ष बजट प्रस्ताव के पास होने के बाद बजट के प्रस्तावों को विधान का रूप देने के लिए जो विधेयक प्रस्तुत किया जाता है उसे ही वित्त विधेयक कहा जाता है।

वित्त विधेयक के बारे में हमने एक विस्तृत आर्टिकल लिखा है। ज्यादा जानने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक में क्लिक करें-

धन विधेयक क्या होता है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 110 के अनुसार कोई विधेयक तब धन विधेयक कहलाता है  यदि उसमे करों के अधिरोपण, उन्मूलन, छूट, परिवर्तन अथवा   लेन देन से संबंधित प्रावधान होते हैं|

एक आम विधेयक संसद के किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है, जबकि धन विधेयक केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है।

अधिनियम क्या होता है?

जब कोई विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित होकर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए उनके पास जाता है और राष्ट्रपति इस विधेयक को अपनी स्वीकृति दे देते हैं, तब यह कानून का रूप ले लेता है और इसे एक अधिनियम कहा जाता है।

अध्यादेश क्या होता है?

अध्यादेश राष्ट्रपति या राज्यपाल द्वारा बनाया गया कानून होता है। जो तब बनाया जाता है जब संसद अथवा विधान मंडल सत्रावसान में होते हैं, या फिर इन सदनों का विघटन हो चुका होता है जिसके कारण संसद या विधानमंडल में कानून निर्माण की प्रक्रिया संभव नहीं हो पाती है।

यदि यह अध्यादेश सदनों की बैठक के 6 सप्ताह के अंदर अनुमोदित नहीं किया जाता है तो यह अपने आप ही समाप्त हो जाता है।

हालांकि अध्यादेश अस्थाई होता है लेकिन इसकी प्रकृति एक अधिनियम के समान ही होती है। और उसी की तरह इसको लागू किया जाता है।

लोकपाल या लोकायुक्त किसे कहते हैं?

आधुनिक समय में शासन की बढ़ती हुई शक्तियों से देश के आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए लोकपाल या लोकायुक्त की व्यवस्था की जाती है।

लोकपाल या लोकायुक्त का कार्य सरकारी विभागों के विरुद्ध आम नागरिकों की शिकायतों की छानबीन करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: