रामसर साइट्स क्या है | Ramsar Sites In India In Hindi
1971 में रामसर, ईरान में विश्व के प्रमुख देशों ने एक समझौता किया था| जिसमे ये निर्धारित किया गया था, कि दुनिया की biodiversity का संरक्षण करने के लिए जो आर्द्रभूमि है उनको संरक्षित किया जायेगा| इस आर्टिकल में हम आपको Ramsar Sites in India in Hindi के साथ-साथ निम्न टॉपिक के बारे में बताएँगे-
- आर्द्रभूमि या Wetlands क्या हैं?
- रामसर साइट क्या होती हैं?
- Ramsar Convention क्या है?
- Ramsar Sites क्यों महत्वपूर्ण हैं?
- List Of Ramsar sites in India
आर्द्रभूमि या Wetlands क्या हैं?
आर्द्र भूमि (Wetland) एक ऐसी जगह है जहां जमीन पानी से ढकी होती है। तालाब, झील, नदी का डेल्टा या समुद्र का किनारा, जो निचले इलाके बाढ़ से आच्छादित रहते है, उन जगहों को वेटलैंड कहते है| ऐसी जगहें जहाँ दलदली गीली मिट्टी पाई जाती है उनको भी वेटलैंड की श्रेणी में डाला गया है|
जब कोई वेटलैंड अंतर्राष्ट्रीय महत्व का होता है तो उन्हें रामसर साइट कहा जाता है| भारत का भौतिक स्वरुप काफी विस्तृत है| एक और नदी झरने और पहाड़ हैं| वही दूसरी ओर रेगिस्तान से लेके दलदली भूमि या वेटलैंड हैं|
रामसर साइट क्या होती हैं | Ramsar Convention क्या है?
रामसर कन्वेंशन दुनिया की biodiversity के संरक्षण के उद्देश्य से बनाया गया एक सबसे पुराना अंतर्राष्ट्रीय समझौता है जिसका उद्देश्य दुनिया में महत्वपूर्ण वेटलैंड्स की सुरक्षा करना है|
रामसर क्या है: रामसर, ईरान का एक शहर है। जो ईरान रामसर काउंटी में स्थित है| रामसर Caspian sea के दक्षिणी किनारे पर स्थित है| 2012 के census के आधार पर इसकी population 33018 है| 1971 में, रामसर में आर्द्रभूमि के संरक्षण और स्थायी उपयोग के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे।
कन्वेंशन का मिशन दुनिया में स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से सभी आर्द्रभूमि का संरक्षण और उचित उपयोग करना है। जब किसी वेटलैंड को रामसर साइट घोषित कर दिया जाता है तो उसे बहुत ही कड़े दिशा-निर्देशों के तहत संरक्षित किया जाता है|
Wetlands या Ramsar Sites क्यों महत्वपूर्ण हैं?
वेटलैंड हमारे लिए इसलिए जरुरी है क्योंकि ये प्राकृतिक संसाधनों और क्रियाओं का महत्वपूर्ण स्त्रोत है जैसे कि भोजन, भूजल रिचार्जिंग, जल शोधन, बाढ़ से बचाव, भूमि कटाव नियंत्रण और जलवायु नियंत्रण। मीठे पानी की आपूर्ति आर्द्रभूमि से होती है| ये भूजल को सोखने और पुनर्भरण में मदद करतें हैं।
वेटलैंड्स पर प्रवासी पक्षियों की हज़ारों प्रजातियां अपना बसेरा बनाती हैं| जब उत्तर में ठण्ड बढ़ती है तो वहां खाना और पानी की कमी हो जाती है| उस वक़्त वहां से सारे पक्षी दक्षिण की ओर migration शुरू कर देते हैं|
कई पक्षी कई हज़ारो किलोमीटर का सफर तय करतें हैं| और दक्षिण में स्थित wetlands में कई महीनों तक रहतें है और प्रजनन भी करतें है| यदि इन wetlands का संरक्षण नहीं किया जायेगा तो इस प्रजातियों के जीवन में संकट उत्पन्न हो जायेगा|
First Ramsar site | Largest Ramsar site
- आज सारे विश्व में लगभग 2300 रामसर साइट्स है, जो सारी धरती के 20 लाख वर्ग किमी से भी ज्यादा में फैली हुई है|
- दुनिया की पहली साइट ऑस्ट्रेलिया में कोबॉर्ग प्रायद्वीप थी, जिसे 1974 में घोषित किया गया था|
- सबसे अधिक साइट वाला देश यूनाइटेड किंगडम 175, और मेक्सिको 142 हैं।
- दुनिया की सबसे बड़ी रामसर साइट्स 60,000 वर्ग किमी के साथ Democratic Republic of Congo की Ngiri-Tumba-Maindombe और कनाडा की Queen Maud Gulf है|
- भारत की सबसे बड़ी रामसर साइट चिलिका झील है| इसका क्षेत्रफल लगभग 116500 हेक्टेयर है|
- केवलादेव नेशनल पार्क (राजस्थान) और चिलिका झील (ओडिशा) भारत की पहली रामसर साइट थी|
रामसर साइट्स इन इंडिया 2023 | list of Ramsar sites in India in Hindi
Ramsar convention 1 फरवरी 1982 को भारत में लागू हुआ। इसके पश्चात् समय-समय पर सर्वे के माध्यम से भारत सरकार नए और महत्वपूर्ण वेटलैंड्स को चिन्हित करती रही है| वर्तमान में भारत में 42 रामसर साइट्स हैं। तथा भारत दक्षिण एशिया का सबसे ज्यादा रामसर साइट्स वाला देश है| भारत में कई वेटलैंड्स ऐसे भी हैं जो किसी नेशनल पार्क या वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के अंदर स्थित हैं|
- कोल्लेरू झील (आंध्र प्रदेश)
- दीपोर बील (असम)
- नालसरोवर पक्षी अभयारण्य (गुजरात)
- चंदेरटल वेटलैंड (हिमाचल प्रदेश)
- पोंग डैम झील (हिमाचल प्रदेश)
- रेणुका वेटलैंड (हिमाचल प्रदेश)
- होकेरा वेटलैंड (जम्मू और कश्मीर)
- सुरिनसर-मानसर झील (जम्मू और कश्मीर)
- सोमोरिरी (जम्मू और कश्मीर)
- वुलर झील (जम्मू और कश्मीर)
- अष्टमुडी वेटलैंड (केरल)
- सस्तमकोट्टा झील (केरल)
- वेम्बनाड-कोल वेटलैंड (केरल)
- भोज वेटलैंड (मध्य प्रदेश)
- नंदूर मदमहेश्वर (महाराष्ट्र)
- लोकतक झील (मणिपुर)
- भितरकनिका मैंग्रोव (उड़ीसा)
- चिलिका झील (उड़ीसा)
- हरिके झील (पंजाब)
- कांजली (पंजाब)
- रोपड़ (पंजाब)
- केशोपुर-मियां सामुदायिक रिजर्व (पंजाब)
- नांगल वन्यजीव अभयारण्य (पंजाब)
- ब्यास संरक्षण रिजर्व (पंजाब)
- सांभर झील (राजस्थान)
- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान)
- प्वाइंट कैलिमेरे वन्यजीव और पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु)
- रुद्रसागर झील (त्रिपुरा)
- ऊपरी गंगा नदी (ब्रजघाट से नरौरा खिंचाव) (उत्तर प्रदेश)
- समन पक्षी अभयारण्य (उत्तर प्रदेश)
- समसपुर पक्षी अभयारण्य (उत्तर प्रदेश)
- सैंडी पक्षी अभयारण्य (उत्तर प्रदेश)
- सरसाई नवार झेल (उत्तर प्रदेश)
- नवाबगंज पक्षी अभयारण्य (उत्तर प्रदेश)
- पार्वती अर्ग पक्षी अभयारण्य (उत्तर प्रदेश)
- पूर्व कलकत्ता वेटलैंड्स (पश्चिम बंगाल)
- सुंदरबन वेटलैंड (पश्चिम बंगाल)
- लोनार झील (महाराष्ट्र)
- सुर सरोवर या कीथम झील (आगरा)
- आसन बैराज़ (उत्तराखंड)
- कँवर ताल काबर ताल (बिहार)
- सो कार (लेह) (42th Ramsar site)
Latest Ramsar site in India | New Ramsar site in India
वर्तमान में भारत में ४६ रामसर साइट हैं| जिनमे से निम्न 4 साइट ऐसी है जो हाल ही में इस लिस्ट में जोड़ी गई हैं-
- भिंडावास वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी (हरयाणा)
- सुल्तानपुर नेशनल पार्क (हरयाणा)
- थोल लेक वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी (गुजरात)
- वधवाना वेटलैंड (गुजरात)
The Montreux Record क्या है?
Montreux Record वेटलैंड साइटों की एक सूची है जो अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड्स में जहां पारिस्थितिक तंत्र में परिवर्तन हुए हैं, हो रहे हैं, या तकनीकी विकास, प्रदूषण या अन्य मानव हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप होने की संभावना है| इसे रामसर सूची के एक भाग के रूप में बनाया गया है।
FAQs
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को रामसर साइट में कब शामिल किया गया?
केवलादेव नेशनल पार्क (राजस्थान) भारत की पहली रामसर साइट थी| वर्ष 1982 में इसे रामसर साइट घोषित किया गया था|
भारत में कितनी रामसर साइट है?
वर्तमान में भारत में 46 रामसर साइट्स हैं। तथा भारत दक्षिण एशिया का सबसे ज्यादा रामसर साइट्स वाला देश है|
रामसर सम्मेलन कब हुआ?
रामसर कन्वेंशन एक सबसे पुराना अंतर्राष्ट्रीय समझौता है। 1971 में, रामसर में आर्द्रभूमि के संरक्षण और स्थायी उपयोग के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे।
वेटलैंड दिवस कब मनाया जाता है?
विश्व वेटलैंड्स दिवस हर साल 2 फरवरी को वेटलैंड्स के संरक्षण पर हुए कन्वेंशन को चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2023 की थीम क्या है?
वर्ष 2023 के लिये विश्व आर्द्रभूमि दिवस की थीम ‘आर्द्रभूमि और जैव विविधता’ (Wetlands and Biodiversity) थी।