निषेचन किसे कहते हैं | What Is Fertilization in Hindi?

आज हम बात करेंगे कि निषेचन किसे कहते है? वनस्पति विज्ञान का यह टॉपिक (what is fertilization in hindi) स्कूल की पढाई के साथ-साथ competitive exams के लिए भी महत्वपूर्ण है|

निषेचन: जब नर युग्मक और मादा युग्मक आपस में मिलते हैं तो इसे ही निषेचन या fertilization कहते है|

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निषेचन प्रकिया | निषेचन कैसे होता है?

  • जब परागकण (pollen grains) वर्तिकाग्र (stigma) पर पहुँचता है तब अंकुरण की प्रक्रिया शुरू होती है|
  • stigma पर pollen grains पानी का अवशोषण करके फूल जाता है|
  • जिसके कारण intine tube जैसी संरचना बनती है| इस नली जैसी संरचना को पराग नलिका कहते हैं|
  • पराग कण में जो केन्द्रक होता है वह निषेचन की प्रक्रिया के दौरान दो भागो में बंट जाता है|
  • एक भाग को जनन केन्द्रक तथा दूसरे को नलिका केन्द्रक कहा जाता है|
  • इसके बाद जनन केन्द्रक (generative nucleus) फिर दो भागों में बंट जाता है| जिसके फलस्वरूप दो नर युग्मक (male gamete) का निर्माण होता है|
  • फिर pollen tube भ्रूणकोष (embryo sac) में पहुँचता है|
  • इसके अलगे भाग में एक hole बन जाता है| इस hole के माध्यम से ही नर युग्मक embryo sac में पहुँचता है|
  • एक नर युग्मक अंड कोशिका से संयोग करता है जिसके फलस्वरूप युग्मनज या zygote का निर्माण होता है|
  • दूसरा male nucleus द्वितीयक केन्द्रक से संयोग करके endosperm का निर्माण करता है|
  • यह endosperm embryo को पोषण प्रदान करता है|
  • Zygote द्विगुणित (diploid) और endosperm त्रिगुणित (triploid) होता है|
  • वही egg और male gamete अगुणित (haploid) होते है|

निषेचन (Fertilization) क्या है?

निषेचन (Fertilization) वह जैविक प्रक्रिया है जिसमें नर और मादा युग्मकों (Gametes) का मेल होता है, जिससे एक नया जीवन (जाइगोट – Zygote) बनता है। यह सभी यौन प्रजनन करने वाले जीवों में पाया जाता है।

निषेचन के प्रकार:

  1. आंतरिक निषेचन (Internal Fertilization)

    • यह तब होता है जब निषेचन शरीर के अंदर होता है।

    • उदाहरण: मनुष्य, पक्षी, स्तनधारी, सरीसृप आदि।

  2. बाह्य निषेचन (External Fertilization)

    • यह तब होता है जब नर और मादा युग्मक शरीर के बाहर मिलते हैं, आमतौर पर जल में।

    • उदाहरण: मेंढक, मछलियाँ आदि।

निषेचन की प्रक्रिया:

  1. युग्मकों का मिलन – नर का शुक्राणु (Sperm) और मादा का अंडाणु (Egg) आपस में मिलते हैं।

  2. जाइगोट का निर्माण – निषेचन के बाद एकल कोशिका जाइगोट बनता है।

  3. कोशिका विभाजन – जाइगोट विभाजित होकर भ्रूण (Embryo) में विकसित होता है।

  4. विकास और जन्म – भ्रूण विकसित होकर नए जीव का निर्माण करता है।

निषेचन का महत्व:

  • यह नए जीवन की उत्पत्ति में सहायक है।

  • यह आनुवंशिक विविधता (Genetic Variation) को बढ़ाता है।

  • यह यौन प्रजनन की महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।

निष्कर्ष:
निषेचन एक जैविक प्रक्रिया है जो यौन प्रजनन में नई संतानों को जन्म देने के लिए आवश्यक होती है। यह जीवन की निरंतरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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