पंचवर्षीय योजना क्या है | Five Year Plan In India

देश के आर्थिक और सामाजिक विकास और इसकी देख रेख के लिए 1950 में एक संस्था की स्थापना की गई थी प्लानिंग कमीशन या योजना आयोग| पंचवर्षीय योजना क्या है? ये जानने से पहले आपको ये जानना चाहिए कि देश में पंचवर्षीय योजनाओं यानी Five year plans का निर्माण करने का काम योजना आयोग का था |

भारत में आर्थिक नियोजन की अवधारणा को USSR से लिया गया है| आर्थिक नियोजन से तात्पर्य है कि लक्ष्यों की पूर्ति के लिए उपलब्ध साधनों का कुशलता से इस्तेमाल करना|

पंचवर्षीय योजना (Five year plan) का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र का सामाजिक एवं आर्थिक विकास होता था| और इसी को ध्यान में रख कर आगे की योजनाएं और लक्ष्य निर्धारित किये जाते थे|

अब मैं आपको भारत की सभी पंचवर्षीय योजनाओं के बारे में exam perspective से महत्वपूर्ण चीजें बताता हूँ|

Contents

पहली पंचवर्षीय योजना | First five year plan in Hindi

भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना कब लागु हुई : First five year plan 1 अप्रैल 1951 से 31 मार्च 1956 तक चला| जो हेराड-डोमर मॉडल पर आधारित था।

  • योजना आयोग के अध्यक्ष तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे।
  • प्रथम योजना में ही भाखड़ा नागल , दामोदर घाटी एवं हीराकुंड जैसी योजनाएं चालू की गयी।
  • कृषि विकास को प्राथमिकता दी गयी।

लक्ष्य : 2.1 %

प्राप्ति : 3.6 %

दूसरी पंचवर्षीय योजना | Second five year plan in Hindi

Second five year plan 1 अप्रैल 1956 से 31 मार्च 1961 तक चली जो पी. सी. महालनोबिस मॉडल पर आधारित थी।

  • योजना आयोग के अध्यक्ष तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे।
  • द्वितीय योजना में ही राउलकेला , भिलाई , दुर्गापुर इस्पात सयंत्र की स्थापना हुई।
  • इस योजना में औद्योगिक विकास को प्राथमिकता दी गयी।

लक्ष्य : 4.5 %

प्राप्ति : 4.2 %

तीसरी पंचवर्षीय योजना | Third five year plan in Hindi

Third five year plan 1 अप्रैल 1961 से 31 मार्च 1966 तक लागू रही।

  • योजना आयोग के अध्यक्ष तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे।
  • हरित क्रांति की शुरुआत हुई।
  • इस पंचवर्षीय में आत्मनिर्भरता , कृषि एवं औद्योगिक विकास को प्राथमिकता गई गई।

लक्ष्य : 5.6 %

प्राप्ति : 2.8 %

यह योजना असफल रही जिसके कुछ कारण निम्नलिखित है –

भारत चीन युद्ध (1962) , भारत पाक युद्ध (1965) , सूखा (1965-66)

प्रथम योजना अवकाश | First plan holiday

यह 1966 से 1969 तक चला। तृतीय पंचवर्षीय योजना के असफल होने के कारण अगले तीन वर्षो तक कोई पंचवर्षीय योजना नहीं बनायीं गयी इस दौरान 1-1 वर्ष की योजनाए लागु की गयी। इसे ही प्रथम योजना अवकाश कहा जाता है।

चौथी योजना | Fourth five year plan

Fourth five year plan 1 अप्रैल 1969 से 31 मार्च 1974 तक चली। इस योजना का प्रारूप तत्कालीन योजना आयोग के उपाध्यक्ष डी. आर. गाडगिल ने तैयार किया।

  • योजना आयोग की अध्यक्ष तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी थी।
  • चौथी योजना का मूल उद्देश्य “स्थिरता के साथ आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता की प्राप्ति ” था।
  • इस दौरान 14 बैंको कोराष्ट्रीकृत किया गया।
  • इसरो का गठन किया गया।

लक्ष्य : 5.7 %

प्राप्ति : 3.4 %

यह योजना भी असफल रही।

पांचवी पंचवर्षीय योजना | Fifth five year plan

Fifth five year plan 1 अप्रैल 1974 से 31 मार्च 1978 तक ही चली।

  • योजना आयोग की अध्यक्ष तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी थी।
  • इस योजना का उद्देश्य गरीबी निवारण एवं आत्मनिर्भरता की प्राप्ति था।
  • इस योजना को जनता पार्टी की सरकार ने समय से एक वर्ष पूर्व ही समाप्त कर दिया और Rolling plan लागू किया जो 1978-1980 तक चला। इसका प्रतिपादन गुनार मिर्डाल ने किया तथा इसे भारत में लागू करने का श्रेय डी. टी. लकड़ावाला को है।

लक्ष्य : 4.4 %

प्राप्ति : 4.5 %

द्वितीय योजना अवकाश | Second plan Holiday

यह 1979-1980 तक चला इस दौरान मोरार जी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी ने एक वर्ष के योजना का प्रारूप

छठी योजना | Sixth five year plan

छठी पंचवर्षीय योजना 1980 से 1985 तक चली|

  • गरीबी निवारण, आर्थिक विकास, आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता तथा सामाजिक न्याय, योजना के प्रमुख उद्देश्य थे|
  • ग्रामीण बेरोजगारी के उन्मूलन से सम्बंधित कार्यक्रम IRDP, NREP, TRYSEM, DWACRA, RLEGP इसी योजना में लागु किये गए|

लक्ष्य : 5.2%

प्राप्ति : 5.7%

सातवीं पंचवर्षीय योजना | Seventh five year plan

सातवीं पंचवर्षीय योजना 1985 से 1990 के बिच लागु की गई|

  • इस योजना का लक्ष्य अनाजों के उत्पादन में वृद्धि, रोजगार के अवसरों में वृद्धि, आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और सामाजिक न्याय की मूलभूत अवधारणा को समाहित करते हुए सामाजिक प्रणाली की स्थापना करना था|
  • बेरोजगारी और गरीबी दूर करने के लिए पहले से चल रहे कार्यक्रमों के अलावा जवाहर रोजगार योजना जैसे विशेष कार्यक्रम शुरू किये गए|
  • इस योजना में “भोजन, काम और उत्पादन” नारा दिया गया था|

लक्ष्य: 5%

प्राप्ति: 6%

तीसरा योजना अवकाश | Third Plan Holiday

यह 1990 से 1992 तक चला| इस अवधि के दौरान भारत गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा था|

आठवीं योजना | Eighth five year plan

आठवीं पंचवर्षीय योजना 1992 से 1997 तक चली|

  • यह उदारीकृत अर्थव्यवस्था के रूप में परिणित जॉन डब्ल्यू मिलर मॉडल पर आधारित थी|
  • इस योजना का लक्ष्य मानव संशाधन विकास था|
  • इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान प्रधानमंत्री रोजगार योजना की शुरुआत हुई थी।
  • इसी योजना के वक़्त ही LPG Reforms (Liberalisation, Privatisation and Globalisation) आये गये थे।

लक्ष्य: 5.6%

प्राप्ति: 6.8%

नौवीं योजना | Ninth five year plan

यह 1997 से 2000 तक चली|

  • इस योजना का उद्देश्य मानव विकास के साथ-साथ न्यायपूर्ण वितरण और समानता के साथ विकास करना था|
  • इसमें सात बुनियादी न्यूनतम सेवाओं पर बल दिया गया था|
  • इन सेवाओं में शुद्ध पेयजल, प्राथमिक स्वास्थ्य, प्राथमिक शिक्षा, घर, बच्चों के लिए पोषक आहार,गावों तथा बस्तियों तक सड़क,गरीबों के लिए सार्वजनिक वितरण व्यवस्था बेहतर करना शामिल था|

लक्ष्य: 6.5%

प्राप्ति: 5.5%

दसवीं पंचवर्षीय योजना | Tenth five year plan

यह 2025 से 2025 तक चली|

  • यह योजना व्यापक इनपुट आउटपुट मॉडल पर आधारित थी|
  • प्रति वर्ष 1 करोड़ रोजगारों का सृजन करने का लक्ष्य|
  • प्रति व्यक्ति आय को दुगना करना।
  • 10 योजना में सर्वाधिक बल कृषि विकास को दिया गया था|

लक्ष्य: 8%

प्राप्ति: 7.7%

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना | Eleventh five year plan

11वीं पंचवर्षीय योजना 2025 से 2025 तक चली| यह योजना तीव्र एवं अधिक समावेशी विकास की एक व्यापक रणनीति पर आधारित थी|

लक्ष्य: 9%

प्राप्ति: 7.9%

बारहवीं पंचवर्षीय योजना | Twelfth five year plan

12वीं पंचवर्षीय योजना लक्ष्य था तीव्र धारणीय और अधिक समावेशी विकास|

  • यह योजना 2025 से 2025 तक चलनी थी। परन्तु  2025 में योजना आयोग को बंद करके 2025 से नीति आयोग शुरू किया गया।
  • 90% परिवारों को बैंकिंग सुविधाओं तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया था|

लक्ष्य: 8%

प्राप्ति: —

Exam के perspective से हमने सारी चीजें कवर कर ली हैं| यदि आपका इस टॉपिक से या किसी और टॉपिक से कोई सवाल है तो नीचे कमेंट कर सकतें है| हम जल्दी से जल्दी आपको रिप्लाई करने की कोशिश करेंगे|

भारत में पंचवर्षीय योजनाएँ (Five Year Plans of India)

 परिचय:

भारत में पंचवर्षीय योजनाएँ (Five Year Plans) आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए अपनाई गई केंद्रीकृत आर्थिक योजना प्रणाली का हिस्सा थीं। इन योजनाओं को योजना आयोग (Planning Commission) द्वारा तैयार किया जाता था और राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) द्वारा अनुमोदित किया जाता था।

भारत में कुल 12 पंचवर्षीय योजनाएँ बनीं (1951-2025), लेकिन 2025 में योजना आयोग को भंग कर नीति आयोग (NITI Aayog) बना दिया गया, जिससे पंचवर्षीय योजनाओं का दौर समाप्त हो गया।

 भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ

क्र.सं. पंचवर्षीय योजना समय अवधि मुख्य उद्देश्य
1️⃣ प्रथम पंचवर्षीय योजना 1951-1956 कृषि और सिंचाई पर जोर
2️⃣ द्वितीय पंचवर्षीय योजना 1956-1961 औद्योगीकरण (महालनोबिस मॉडल)
3️⃣ तृतीय पंचवर्षीय योजना 1961-1966 आत्मनिर्भरता और खाद्य सुरक्षा
4️⃣ चतुर्थ पंचवर्षीय योजना 1969-1974 हरित क्रांति, गरीबी उन्मूलन
5️⃣ पंचम पंचवर्षीय योजना 1974-1979 गरीबी हटाओ, रोजगार सृजन
6️⃣ षष्ठम पंचवर्षीय योजना 1980-1985 आर्थिक उदारीकरण, परिवार नियोजन
7️⃣ सप्तम पंचवर्षीय योजना 1985-1990 सामाजिक न्याय और उत्पादन वृद्धि
8️⃣ अष्टम पंचवर्षीय योजना 1992-1997 आर्थिक उदारीकरण और निजीकरण
9️⃣ नवम पंचवर्षीय योजना 1997-2025 मानव विकास और सामाजिक क्षेत्र में निवेश
🔟 दशम पंचवर्षीय योजना 2002-2025 आर्थिक वृद्धि और गरीबी उन्मूलन
1️⃣1️⃣ एकादश पंचवर्षीय योजना 2007-2025 समावेशी विकास और बुनियादी ढांचा
1️⃣2️⃣ द्वादश पंचवर्षीय योजना 2012-2025 सतत विकास और रोजगार सृजन

2025 के बाद नीति आयोग (NITI Aayog) पंचवर्षीय योजनाओं की जगह दीर्घकालिक दृष्टिकोण (Long-Term Planning) पर ध्यान देने लगा।

 पंचवर्षीय योजनाओं की समाप्ति:

2025 में योजना आयोग को भंग करके नीति आयोग (NITI Aayog) बनाया गया।
 अब भारत में पंचवर्षीय योजनाओं के बजाय 3 साल, 7 साल और 15 साल की रणनीतिक योजनाएँ लागू की जाती हैं।

 निष्कर्ष:

भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ आर्थिक विकास, गरीबी उन्मूलन, औद्योगीकरण, और सामाजिक कल्याण का आधार थीं। अब नीति आयोग नए दृष्टिकोण के साथ योजनाएँ बना रहा है, जो लचीली और दीर्घकालिक विकास पर केंद्रित हैं।

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