वायुमंडल किसे कहते हैं | वायुमंडल की परतें | Atmosphere in Hindi
पृथ्वी जो हमारा घर है, सौरमंडल का और अब तक का ज्ञात एकलौता गृह है जिसमे जीवन है| पृथ्वी पर जीवन संभव होने के कई कारण है जैसे पानी और वायु| आज इस आर्टिकल में हम वायुमंडल किसे कहते हैं तथा वायु मंडल की परतें टॉपिक पर बात करेंगे|
वायु क्या है: हम जानतें हैं कि पृथ्वी में विभिन्न प्रकार की गैसें पाई जाती है| जैसे- नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाई ऑक्साइड तथा अन्य| इन गैसों के मिश्रण को ही वायु या हवा के नाम से जाना जाता है| ये गैसें विभिन्न परतों के रूप में हमारी पृथ्वी को चारो ओर से घेरती हैं|
पृथ्वी के पास वायुमंडल होने का कारण इसका गुरुत्वाकर्षण बल है|
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वायुमंडल किसे कहते हैं | Atmosphere in Hindi
पृथ्वी के चारो ओर विभिन्न गैसों अर्थात वायु की जो परत है इसी को वायुमंडल कहते है| वायुमंडल मुख्यतः ऑक्सीजन और नाइट्रोजन का बना है| जो की साफ और शुष्क हवा का 99 प्रतिशत है|
पृथ्वी के वायुमंडल में 78% nitrogen तथा 21% oxygen है| इसके अलावा अन्य गैसें जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड तथा आर्गन आदि की मात्रा 1% के आसपास है| ऑक्सीजन साँस लेने के लिए तथा नाइट्रोजन सभी की वृद्धि के लिए आवश्यक है|
कार्बन डाई ऑक्साइड के कारण ही पृथ्वी रात के समय या सूर्य की अनुपस्थिति में गर्म बनी रहती है| क्योकि co2 ऊष्मा को सोख लेती है और इसे वापस अंतरिक्ष में जाने नहीं देती| इसके साथ-साथ या पौधों की वृद्धि के लिए भी आवश्यक है|
वायुमंडल में जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती है, हवा का घनत्व भी तेजी से घटता जाता है| इसकी ऊपरी परत में गैसें प्रायः हल्की होती है| ऊपर की ओर बढ़ने पर केवल घनत्व में ही कमी नहीं आती बल्कि वायुदाब भी कम होता जाता है|
ऊंचाई के साथ तापमान में भी गिरावट होती है|
वायुमंडल में जलवाष्प की मात्रा 0 से 4% तक पाई जाती है| वायुमंडल की सारी जलवाष्प का 90% भाग सतह से 5 किमी की ऊंचाई तक में पाया जाता है|
वायु हमेशा अधिक वायुदाब वाले स्थान से कम वायुदाब वाले स्थान की ओर बहती है| और अगर बात करें कि पवन क्या होती है? तो यह कुछ और नहीं सिर्फ गतिशील वायु को कहते है|
वायु मंडल की परतें
पृथ्वी के वायुमंडल की ऊंचाई लगभग 10,000 km है| लेकिन इसका 99% भार सिर्फ 32 km तक ही सीमित है| वायु मंडल को ताप तथा अन्य घटको के आधार पर 5 परतों में बांटा गया है| जिन्हे वायु मंडल की परतें कहा जाता है|
- क्षोभ मंडल (Troposphere)
- समताप मंडल (Stratosphere)
- मध्यमंडल (Mesosphere)
- तापमण्डल/आयन मंडल (Thermosphere)
- बाह्य मंडल (Exosphere)
क्षोभ मंडल (Troposphere)
यह वायुमंडल की परतों में सबसे महत्वपूर्ण है| जिसकी सतह से औसत ऊंचाई 12 km है|
- ध्रुवों पर इसकी ऊंचाई 8 Km और विषुवत रेखा पर 18 km है|
- हम इसी परत में साँस लेते है|
- मौसम की सभी घटनाएं जैसे- वर्षा, कोहरा, ओलावृष्टि, आकाशीय बिजली आदि इसी क्षोभमंडल में होती है|
- क्षोभमंडल पर जैसे जैसे हम ऊपर जाते है, ताप काम होता जाता है|
- प्रति 165 KM की ऊंचाई पर जाने पर 1°C ताप गिर जाता है|
- प्रत्येक एक किमी की ऊंचाई पर पहुँचने पर तापमान में औसतन 6.5° की गिरावट होती है| इसे ही नार्मल lapse rate कहा जाता है|
समताप मंडल (Stratosphere)
क्षोभ मंडल के ऊपर का भाग समताप मंडल कहलाता है| इसकी औसत ऊंचाई 12 से 50 किमी तक है|
- वायु मंडल की इस परत में बदल या मौसम से सम्बंधित कोई घटना प्रायः घटित नहीं होती है|
- इसके फलस्वरूप यहाँ हवाई जहाज़ की उड़ान के लिए आदर्श परिस्थितिया होती है|
- समताप मंडल में ही ओज़ोन परत होती है जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को रोकती है|
- ये पराबैगनी किरणे जीवों में त्वचा कैंसर सहित अनेक समस्यों को जन्म देती है|
मध्य मंडल (Mesosphere)
यह परत समताप मंडल के ऊपर 50 से 80 किमी की ऊंचाई तक फैली है| जो भी उल्कापिंड अंतरिक्ष से धरती की ओर आते हैं वो इस परत में आकर घर्षण के कारण जल जातें है|
आयन मंडल (Ionosphere)
आयन मंडल की औसत ऊंचाई 80 से 400 किमी है|
- रेडियो कम्युनिकेशन के लिए इसी परत का उपयोग किया जाता है|
- पृथ्वी से जो भी radio waves प्रसारित की जाती है वो आयन मंडल से टकरा कर वापस धरती पर आ जाती है| इसी कारण रेडियो, टेलीविज़न, मोबाइल फ़ोन, और रडार आदि काम करते है|
- आयन मंडल का आयतन बहुत अधिक है परन्तु इसमे हवा की मात्रा पूरे वायुमंडल के 200 वें भाग से भी कम है|
- आयन मंडल के कारण ही Aurora australis और Aurora borealis की घटनाये होती है| ये चमकदार और रंगीन लाइट्स होती है जो केवल ध्रुवों के आसमान में दिखाई देती है|
- Aurora australis अंटार्कटिक सर्कल (South pole) में आधी रात में आसमान में दिखाई देने वाली रंगीन लाइट्स को कहते है|
- Aurora borealis आर्कटिक सर्कल (North pole) में आधी रात में आसमान में दिखाई देने वाली रंगीन लाइट्स होती है|
बाह्य मंडल (Exosphere)
पृथ्वी के वायुमंडल की परतों में यह सबसे बाह्य परत है| इसकी ऊंचाई 400 किमी से ऊपर से शुरू होती है|
- यहाँ वायु की पतली परत होती है|
- यहाँ हल्की गैसें जैसे हइड्रोजन और हीलियम आदि होती है|