आम तौर पर हम सोचते है कि राष्ट्रपति के पास ज्यादा power नहीं होती| सारी power देश के प्रधानमंत्री ही अपने पास रखतें है| पर दोस्तों ऐसा सच नहीं है आज हम भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां और कार्य के बारे में बात करेंगे|
यह Indian Polity का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जो लगभग सभी exams के लिए जरुरी है
Contents
- 1 राष्ट्रपति की शक्तियां
- 1.1 नियुक्ति सम्बन्धी अधिकार
- 1.2 राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां
- 1.3 राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियां
- 1.4 राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां
- 1.5 राष्ट्रपति की वीटो शक्तियां
- 1.6 भारत के राष्ट्रपति की शक्तियाँ और कार्य
- 1.7 भारत के राष्ट्रपति की शक्तियाँ (Powers of the President of India)
- 1.8 कार्यकारी शक्तियाँ (Executive Powers)
- 1.9 विधायी शक्तियाँ (Legislative Powers)
- 1.10 न्यायिक शक्तियाँ (Judicial Powers)
- 1.11 आपातकालीन शक्तियाँ (Emergency Powers)
- 1.12 कूटनीतिक शक्तियाँ (Diplomatic Powers)
- 1.13 सैन्य शक्तियाँ (Military Powers)
- 1.14 राष्ट्रपति के मुख्य कार्य (Functions of the President)
- 1.15 निष्कर्ष (Conclusion)
राष्ट्रपति की शक्तियां
भारत का राष्ट्रपति देश की कार्यपालिका का प्रधान होता है| इसलिए कार्यपालिका सारे कार्य राष्ट्रपति के नाम पर ही करती है| प्रधान मंत्री सरकार का प्रमुख होता है तथा राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है| भारत के राष्ट्रपति को अनेक शक्तियां प्राप्त है| जिनका वर्णन अग्रलिखित है|
नियुक्ति सम्बन्धी अधिकार
भारत का राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों, सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, CAG, राज्यों के मध्य समन्वय स्थापित करने के लिए अन्तर्राज्यीय परिषद् के सदस्य, मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत के महान्यायवादी (Attorney general), संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष, वित्त आयोग के सदस्यों, भारत के राजदूतों, अन्य राजनयिकों, तथा राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति करता है|
राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां
राष्ट्रपति को निम्न विधायी शक्तियां भी प्राप्त होतीं है क्योंकि वह संसद का अभिन्न अंग होता है:
- संसद के किसी सदन में या एक साथ दोनों सदनों में अभिभाषण करने की शक्ति प्राप्त है|
- राष्ट्रपति को संसद के सत्र को शुरू करने सत्रावसान करने तथा लोकसभा को भंग करने की शक्तियां प्राप्त हैं|
- संसद द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के अनुमोदन (स्वीकृति) के बाद ही कानून बन सकता है|
- संसद में कुछ विधेयकों को पेस करने से पहले राष्ट्रपति की पूर्ण स्वीकृति आवश्यक है
- धन विधेयक
- संचित निधि में व्यय करने वाले विधेयक
- कराधान (taxation) पर प्रभाव डालने वाले विधेयक
- नए राज्यों का निर्माण तथा वर्तमान राज्यों की सीमाओं या नामों में परिवर्तन करने वाले विधेयक
- राज्यों के बिच व्यापर या वाणिज्य को प्रभावित करने वाला विधेयक
- जब राष्ट्रपति को लगे कि लोकसभा में आंग्ल-भारतीय (British-Indian) समुदाय का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं है तो वह ऐसे दो व्यक्तियों को लोकसभा के सदस्य के रूप में नामांकित कर सकता है|
- राष्ट्रपति कला, साहित्य, पत्रकारिता, विज्ञान तथा सामाजिक कार्यों में पर्याप्त अनुभव रखने वाले 12 व्यक्तियों को राज्यसभा में नामांकित कर सकता है|
- संसद के स्थगन के वक़्त राष्ट्रपति अनुच्छेद 123 के तहत अध्यादेश जारी कर सकता है जिसका प्रभाव संसद के अधिनियम की भांति ही होता है| यह प्रभाव संसद सत्र शुरू होने के 6 सप्ताह तक रहता है|
- सैन्य बलों का सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति होता है परन्तु बिना संसद और प्रधानमंत्री की सहमति के वो इनका प्रयोग नहीं कर सकते|
- दूसरे देशों के साथ कोई भी समझौता या संधि राष्ट्रपति के नाम पर की जाती है|
राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियां
संविधान के अनुच्छेद 72 के अनुसार राष्ट्रपति को किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति की सज़ा को माफ़ करने या कम करने का अधिकार है|
राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां
- मंत्रिपरिषद की सलाह से राष्ट्रपति देश में आपातकाल लागू कर सकता है| भारत के संविधान में तीन प्रकार के आपातकाल (Types of Emergency) का वर्णन है-
- राष्ट्रीय आपातकाल
- राज्य आपातकाल (राष्ट्रपति शासन)
- वित्तीय आपातकाल
- राष्ट्रपति किसी सार्वजनिक महत्त्व के प्रश्न पर अनुच्छेद 143 के तहत सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श ले सकता है| किन्तु वह यह परामर्श मानने के लिए बाध्य नहीं है|
राष्ट्रपति की वीटो शक्तियां
भारत के राष्ट्रपति को तीन प्रकार की वीटो शक्तियां प्राप्त हैं-
- निरपेक्ष वीटो (Absolute Veto) : इस वीटो शक्ति के अंतर्गत यदि राष्ट्रपति किसी विधेयक पर अपनी अनुमति नहीं देना चाहे तो वह ऐसा कर सकता है| अर्थात वह अपनी अनुमति को सुरक्षित रख सकता है|
- निलंबनकारी वीटो (Suspension Veto): इस वीटो शक्ति के अंतर्गत यदि राष्ट्रपति चाहे तो किसी विधेयक को संसद के पास पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकता है|
- पॉकेट वीटो: इसके अन्तर्गत राष्ट्रपति किसी विधेयक को अनिश्चित काल के लिए अपने पास सुरक्षित रख सकता है इस वीटो शक्ति के अनुसार राष्ट्रपति न तो किसी विधेयक पर हस्ताक्षर करता है, न ही इंकार करता है और न ही पुनर्विचार के लिए वापस संसद के पास भेजता है|
FAQs
भारत में किसी भी राष्ट्रपति द्वारा पहली बार पॉकेट वीटो कब इस्तेमाल किया गया था?
ज्ञानी जैल सिंह भारत के ऐसे पहले राष्ट्रपति थे जिन्होंने विवादस्पद भारतीय डाक संशोधन विधेयक 1986 के सम्बन्ध में पहली बार पॉकेट वीटो का इस्तेमाल किया था|
राष्ट्रपतीय निर्वाचन में मतगणना कहां की जाती है?
मतों की गणना नई दिल्ली में रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में की जाती है।
राष्ट्रपति की शक्तियां कौन कौन सी है?
राष्ट्रपति की शक्तियां
नियुक्ति सम्बन्धी अधिकार
विधायी शक्तियां
आपातकालीन शक्तियां
राष्ट्रपति की वीटो शक्तियां
भारत के राष्ट्रपति की शक्तियाँ और कार्य
भारत के राष्ट्रपति देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर होते हैं। वे भारतीय गणराज्य के प्रमुख (Head of State) होते हैं और संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं। हालाँकि, भारत में संसदीय प्रणाली है, इसलिए राष्ट्रपति के अधिकांश कार्य प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की सलाह पर किए जाते हैं।
भारत के राष्ट्रपति की शक्तियाँ (Powers of the President of India)
कार्यकारी शक्तियाँ (Executive Powers)
-
राष्ट्रपति भारत सरकार के सर्वोच्च कार्यकारी प्रमुख होते हैं।
-
सभी कार्यकारी निर्णय राष्ट्रपति के नाम पर लिए जाते हैं।
-
प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की नियुक्ति करते हैं।
-
सभी राज्यपालों, अटॉर्नी जनरल, चीफ जस्टिस और अन्य उच्च पदाधिकारियों की नियुक्ति करते हैं।
-
भारतीय सशस्त्र बलों (Army, Navy, Air Force) के सुप्रीम कमांडर होते हैं।
विधायी शक्तियाँ (Legislative Powers)
-
राष्ट्रपति संसद (लोकसभा और राज्यसभा) का अभिन्न अंग होते हैं।
-
संसद का सत्र बुलाने, स्थगित करने और भंग करने की शक्ति रखते हैं।
-
लोकसभा चुनावों के बाद सबसे बड़ी पार्टी के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करते हैं।
-
राज्यसभा में 12 सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार।
-
संसद द्वारा पारित किसी भी विधेयक (Bill) को मंजूरी देने का अधिकार।
-
धन विधेयक (Money Bill) को मंजूरी देना अनिवार्य।
-
राष्ट्रपति संविधान में संशोधन को अपनी सहमति देते हैं।
न्यायिक शक्तियाँ (Judicial Powers)
-
राष्ट्रपति को अनुग्रह याचिका (Mercy Petition) पर निर्णय लेने की शक्ति होती है।
-
राष्ट्रपति को मृत्युदंड को माफ करने (Pardon), निलंबित करने, या बदलने की शक्ति होती है।
-
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं।
आपातकालीन शक्तियाँ (Emergency Powers)
संविधान के तहत, राष्ट्रपति को तीन प्रकार के आपातकाल लागू करने का अधिकार है:
राष्ट्रीय आपातकाल (Article 352) → देश की सुरक्षा को खतरा होने पर।
राज्य आपातकाल (Article 356) → किसी राज्य में संवैधानिक संकट होने पर।
वित्तीय आपातकाल (Article 360) → देश की वित्तीय स्थिरता खतरे में होने पर।
कूटनीतिक शक्तियाँ (Diplomatic Powers)
-
राष्ट्रपति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
-
वे अन्य देशों के राजदूतों को स्वीकार करते हैं और भारत के राजदूतों की नियुक्ति करते हैं।
-
विदेशी देशों के साथ संधियाँ (Treaties) और समझौते राष्ट्रपति के नाम पर किए जाते हैं।
सैन्य शक्तियाँ (Military Powers)
-
राष्ट्रपति भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के सुप्रीम कमांडर होते हैं।
-
युद्ध या शांति समझौते की घोषणा कर सकते हैं (लेकिन संसद की मंजूरी आवश्यक होती है)।
-
सशस्त्र बलों के सेनाध्यक्षों की नियुक्ति करते हैं।
राष्ट्रपति के मुख्य कार्य (Functions of the President)
भारत के संविधान और कानूनों की रक्षा करना।
सरकार के सभी महत्वपूर्ण निर्णयों पर मंजूरी देना।
संसद के सत्र बुलाना और भंग करना।
प्रधानमंत्री और अन्य उच्च अधिकारियों की नियुक्ति।
न्यायिक दया याचिकाओं पर निर्णय लेना।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना।
संविधान के अनुसार, संकट की स्थिति में आपातकाल लागू करना।
निष्कर्ष (Conclusion)
भारत के राष्ट्रपति एक संवैधानिक प्रमुख हैं, जिनकी भूमिका महत्वपूर्ण लेकिन सीमित होती है। वे संसद, न्यायपालिका और कार्यपालिका में संतुलन बनाए रखते हैं और आपातकालीन परिस्थितियों में विशेष शक्तियाँ रखते हैं। हालाँकि, वे अधिकांश निर्णय प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की सलाह पर लेते हैं।
क्या आपको किसी विशेष विषय पर अधिक जानकारी चाहिए?